पॉलीहाउस की मदद से हाईटेक कृषि की राह पर चलता भारतीय किसान
अपने जीवन में अपने कभी ना कभी हरित गृह प्रभाव या ग्रीनहाउस प्रभाव (greenhouse effect) के बारे में तो अवश्य सुना होगा, लेकिन इसी हरित ग्रह प्रभाव की मदद से कई भारतीय किसान अब पॉलीघर या पॉलीहाउस (Polyhouse) तकनीक का इस्तेमाल कर हाईटेक फार्मिंग या संरक्षित खेती करने में सफल हो रहे हैं।क्या होता है पॉलीहाउस ?
पोली-हाउस हरित गृह प्रभाव पर काम करने वाली एक तकनीक होती है, जिसमें विशेष प्रकार की पॉलीथिन का इस्तेमाल फसलों को ढकने के लिए एक आवरण बनाकर किया जाता है। इस पोली हाउस की मदद से किसी भी जगह की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों को नियंत्रित किया जाता है। कृषि में आई नई तकनीकों के शुरुआती दौर में हरित गृह प्रभाव के लिए लकड़ी के चेंबर बनाकर उसे कांच से ढका जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से पॉलीथिन और प्लास्टिक के निर्माण में आए सुधारों की वजह से अब प्लास्टिक अथार्त पॉलीथिन (Polyethylene या Polythene) का इस्तेमाल भी हरित गृह प्रभाव के लिए किया जा रहा है। [caption id="attachment_10755" align="alignnone" width="487"]![पॉलीहाउस - बाहर से (Polyhouse)](https://www.merikheti.com/assets/post_images/m-2022-09-poly-house-500x500-1-e1664187384190.jpg)
पॉलीहाउस में किस फसल का हो सकता है सर्वश्रेष्ठ उत्पादन ?
वैसे तो पॉलीहाउस का इस्तेमाल दैनिक दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली सब्जी के उत्पादन और पौधे की छोटी नर्सरी तैयार करने में किया जाता है। वर्तमान में भारत के उत्तरी पूर्वी और हिमालय पर्वत से जुड़े राज्यों में कुकुम्बर (cucumber) और गुच्ची मशरूम (Gucchi Mushroom) के अलावा कई फसलें इसी विधि से तैयार की जा रही है। इसके अलावा सजावट और स्वास्थ्यवर्धक फायदे वाले कई प्रकार के फूल जैसे कि जरबेरा, गुलाब और ऑर्किड की खेती भी की जा रही है।
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कैसे लगाएं पॉलीहाउस ?
पॉलीहाउस की शुरुआत करने के लिए आपको लगभग 1000 स्क्वायर मीटर की जगह की आवश्यकता होगी। किसान भाई ध्यान रखें कि किसी भी पॉलीहाउस की संरचना बनाने से पहले उस जगह पर पानी की उपलब्धता और मार्केट की दूरी के बारे में पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेवें। [caption id="attachment_3641" align="alignnone" width="750"]![पॉलीहाउस निर्माण कार्य](https://www.merikheti.com/assets/post_images/m-2020-11-satish-polyhouse-750x430.jpg)
क्या है पॉलीहाउस फार्मिंग के फायदे ?
भारतीय किसानों के लिए मुख्यतः मौसम की मार कई बार उनके खेतों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसी मौसम के बदलते स्वरूप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए, कठोर वातावरण वाले जगहों पर कृषि करने वाले किसान भाई, धीरे-धीरे पॉलीहाउस फार्मिंग की तरफ बढ़ रहे हैं। जलवायुवीय बदलाव जैसे की हवा की तेजी और बारिश का कम या ज्यादा होना जैसे नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों से पोली हाउस की मदद से बचा जा सकता है। पॉलीहाउस का एक और सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसके इसके अंदर उगाई जाने वाली कोई भी फसल को उसकी आवश्यकता अनुसार तापमान और नमी की मात्रा उपलब्ध करवाई जा सकती है, जिससे उसकी वृद्धि दर तेज हो जाती है और उत्पाद जल्दी तथा अधिक प्राप्त होता है।[caption id="attachment_2895" align="alignnone" width="666"]
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![ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी](https://www.merikheti.com/assets/post_images/m-2020-07-greenhouse-farming-e1595838078728.jpg)
सामान्यतः पूछे जाने वाले सवाल (FaQs) :
सवाल :- क्या पॉलीहाउस फार्मिंग के लिए सरकार किसी तरह की कोई सहायता उपलब्ध करवाती है ?
जवाब :- वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा कई स्थानीय पंचायती सरकारें भी किसान भाइयों के लिए कई प्रकार की सब्सिडी और तकनीकी ज्ञान के लिए ट्रेनर की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार अपनी हॉर्टिकल्चर ट्रेंनिंग स्कीम के तहत अलग-अलग जगह पर सेंटर खोल कर पॉलीहाउस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कोशिश कर रही है।ये भी पढ़ें: एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़
सवाल :- क्या किसी भी पॉलीहाउस को बनाने से पहले पूरी प्लानिंग करना आवश्यक है ?
जवाब :- जी हां, किसी भी अन्य व्यवसाय की तरह ही पॉलीहाउस फार्मिंग के लिए भी पहले से पूरी प्लानिंग बनाएं और इसके लिए किसान भाई एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें। इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में आप अपने पॉलीहाउस को संचालित करने के लिए काम में आने वाले तकनीकी ज्ञान और वित्तीय सहायता के अलावा बाजार से जुड़ी संबंधित जानकारियों के बारे में लिस्ट तैयार करके ही फार्मिंग की शुरुआत करें।सवाल :- क्या पॉलीहाउस फार्मिंग के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है ?
जवाब :- वर्तमान में कृषि मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार पॉलीहाउस फार्मिंग के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं है, हालांकि किसान भाइयों को ध्यान रखना होगा कि पॉलीहाउस बनाने के दौरान बची हुई पॉलीथिन को खुले में ना फेंके। आशा करते हैं कि हमारे सभी किसान भाइयों को Merikheti.com के द्वारा पॉलीहाउस फार्मिंग से जुड़ी यह जानकारी पसंद आई होगी और भविष्य में बदलती जलवायुवीय परिस्थितियों से बचने के लिए आप भी कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन की राह पर चलते हुए पॉलीहाउस फार्मिंग में जरूर हाथ आजमाना चाहेंगे।
27-Sep-2022